भारत का राष्ट्र गान | National Anthem of India | 26 january 2023



                                    भारत का राष्ट्र गान


भारत का राष्ट्रीय गान जन-गण-मन, मूल रूप से कवि रवीन्द्र नाथ टैगोरे के "भारोत्तो भाग्यो बिधाता" नामक गीत के प्रथम पद के शब्द तथा उनके संगीत - विन्यास से बनी रचना है।

24 जनवरी, 1950 को भारत के राष्ट्रगान के रूप में संविधान सभा द्वारा इसके हिंदी संस्करण को अपनाया गया था।

इसे पहली बार 27 दिसंबर, 1911 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में गाया गया था।

सुभाष चंद्र बोस ने राष्ट्रगान चुनने में अहम भूमिका निभाई थी।

भारत का राष्ट्र गान विभिन्न अवसरों पर गाया अथवा बजाया जाता है।

राष्ट्र गान को गाने अथवा बजाने में लगभग 52 सेकेण्ड का समय लगना चाहिए।

सामान्य नियम :

1. जब कभी राष्ट्र गान का गायन अथवा वादन हो तब श्रोतागण सावधान होकर खड़े रहें। किन्तु जब समाचार दर्शन अथवा वृत्त चित्र के दौरान राष्ट्र गान फिल्म के अंश के रूप में बजाया जाता है तो दर्शकों से खड़े होने की अपेक्षा नहीं की जाती क्योंकि खड़े होने से राष्ट्र गान के गौरव में वृद्धि होने की अपेक्षा फिल्म के प्रदर्शन में बाधा पड़ती है और अशांति तथा गड़बड़ उत्पन्न होती है ।

2. राष्ट्रीय ध्वज के फहराए जाने की तरह यह भी लोगों के विवेक पर छोड़ दिया गया है कि वे राष्ट्र गान को मनमाने ढंग से न गाएं- बजाएं ।

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