1. सुरक्षा- ऐतिहासिक
दृष्टि से यदि हम हिंद महासागर को भारत की सुरक्षा के संदर्भ में देखें, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि पुर्तगालियों और ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने
सर्वप्रथम क्रमशः अरब सागर व बंगाल की खाड़ी में फुल्टा द्वीप में अपनी नौसेना की
मजबूत स्थिति के कारण भारत पर अधिकार जमाने में कामयाबी हासिल की। वह ऐसा इसलिए कर
पाए, क्योंकि उन्हें सुरक्षा की दृष्टि से मुगलों के आक्रमण से
बचाव हेतु हिंद महासागर के रूप में एक वैकल्पिक समुद्री अड्डा प्राप्त हो गया था। अतः सुरक्षा की दृष्टि से भारत के लिए हिन्द महासागर बहुत ही महत्त्वपूर्ण है।
2. आर्थिक महत्त्व- विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के अनुसार भारत का 90 प्रतिशत व्यापार (मात्रा की दृष्टि से)
और लगभग 70 प्रतिशत व्यापार ( मूल्य की दृष्टि से) हिंद महासागर से होता है।
इसके अतिरिक्त हिंद महासागर में
दुर्लभ पृथ्वी खनिजों का भी भंडार उपलब्ध है। इसमें पॉली मेटेलिक नॉड्यूल के रूप
में मैगनीज, कोबाल्ट, निकल, कॉपर, टाइटैनियम इत्यादि का विशाल भंडार उपलब्ध है
जो भारत के लिए इलेक्ट्रॉनिक व रक्षा उद्योग में आत्मनिर्भर होने की दृष्टि से
अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।

3. ऊर्जा सुरक्षा - विश्व 80 प्रतिशत तेल संसाधनों का आयात निर्यात हिंद महासागर के जरिये ही संभव हो पा रहा है। भारत की ऊर्जा सुरक्षा के एक महत्त्वपूर्ण भाग के रूप में कच्चे तेल का लगभग 70 प्रतिशत आयात फारस की खाड़ी से होता है।
4. खाद्य सुरक्षा व रोजगार - भारत की
आर्थिक-सामाजिक जनगणना 2011 के अनुसार भारत की जनसंख्या का लगभग 16 प्रतिशत हिस्सा
भारत के तटीय क्षेत्रों में निवास करता है। भारत की कुल जनसंख्या के इस भाग की
मछली पालन और पर्यटन के द्वारा खाद्य सुरक्षा व रोजगार सुनिश्चित करने में हिंद
महासागर की अत्यंत महत्त्वपूर्ण भूमिका है।
5. भारत के अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में भारत के रक्षा बलों की त्रि-सेवा
कमांड (Tri-service Command) की स्थापना होने के पश्चात्
भारत के लिए इसका महत्तव और बढ़ गया है।
6. हिंद महासागर के एक भाग के रूप में ‘मलक्का जलडमरूमध्य’ भारत को चीन के विरुद्ध
एक रणनीतिक विकल्प प्रदान करता है।
7. हिंद महासागर की विशालता भारत को वैश्विक स्तर पर ‘निवल सुरक्षा प्रदाता' (Net Security Provider) के रूप में स्थापित करने का भी अवसर करती है। इस क्षेत्र में
विभिन्न सैन्य अभ्यासों द्वारा प्रोजेक्ट की गई सैन्य क्षमता का उपयोग भारत
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में अपनी दावेदारी को मजबूत के लिए कर रहा
है।
8. हिन्द महासागर में घटित होने वाली प्राकृतिक
क्रियाओं से प्रभावित होने वाले विकासशील, गरीब व अल्प विकसित
देशों को सहायता प्रदान करके हिन्द महसागरीय क्षेत्र में भारत की मृदु शक्ति में
वृद्धि करती हैं।
9. श्रीलंका और मालदीव के मध्य वैश्विक संचार cables की उपस्थिति भारत के लिए इसके महत्व को और बढ़ा देती है।
10. यह भारत की एक्ट ईस्ट नीति, उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे में भागीदारी, मध्य
एशियाई देशों के साथ संबद्धों को सुदृढ़ करता है और नाभिकीय ट्राइऐड (Nuclear
Triad) की संकल्पना को साकार करता है।


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