17वाँ प्रवासी भारतीय दिवस
9 जनवरी, 1915 को महात्मा गाँधी की दक्षिण अफ्रीका से भारत लौट आए। इसकी स्मृति में प्रतिवर्ष 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस मनाया जाता है।
इस दिन को चिह्नित करने के लिए, प्रवासी भारतीय दिवस (पी.बी.डी.) मनाने की परंपरा वर्ष 2003 (नई दिल्ली) में शुरू हुई थी।
वर्ष 2015 से, एक संशोधित प्रारूप के तहत, पीबीडी कन्वेंशन हर 2 साल में एक बार आयोजित किया गया है।
अब तक 16 प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन आयोजित किए जा चुके हैं।
16वें पीबीडी को महामारी के दौरान वर्ष 2021 में ‘आत्मनिर्भर भारत में योगदान’ विषय के साथ एक आभासी माध्यम में आयोजित किया गया था।
17वाँ प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 8 से 10 जनवरी, 2023 तक मध्य प्रदेश के इंदौर में आयोजित किया गया है।
17वें प्रवासी भारतीय दिवस का विषय ‘प्रवासी: अमृत काल में भारत की प्रगति के लिए विश्वसनीय भागीदार’ है।
सम्मेलन में गुयाना सहकारी गणराज्य के राष्ट्रपति डॉ. मोहम्मद इरफ़ान अली मुख्य अतिथि तथा सूरीनाम गणराज्य के माननीय राष्ट्रपति श्री चंद्रिकाप्रसाद संतोखी विशेष सम्मानित अतिथि थे।
पूर्ण सत्र I: नवोन्मेष और नई प्रौद्योगिकियों में प्रवासी युवाओं की भूमिका।
पूर्ण सत्र II: अमृत काल में भारतीय हेल्थकेयर इको-सिस्टम को बढ़ावा देने में भारतीय डायस्पोरा की भूमिका: विजन @ 2047।
पूर्ण सत्र III: भारत की सॉफ्ट पॉवर का लाभ उठाना - शिल्प, व्यंजन और रचनात्मकता के माध्यम से सद्भावना।
पूर्ण सत्र IV: भारतीय कार्यबल की वैश्विक गतिशीलता को सक्षम बनाना - भारतीय डायस्पोरा की भूमिका।
पूर्ण सत्र V: राष्ट्र निर्माण के लिए एक समावेशी दृष्टिकोण की दिशा में प्रवासी महिला उद्यमियों की क्षमता का उपयोग करना।
प्रवासी भारतीयों के 27 प्रतिष्ठित सदस्यों को 17वें पीबीडी सम्मेलन के दौरान ‘प्रवासी भारतीय सम्मान’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

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